Income Tax : अगर आप भी अपने होने वाले कमाई पर टैक्स भरते हैं तो आप सभी को बहुत ही बड़ा झटका लगा है। बता दे कि आयकर विभाग ने टैक्स छूट पर रोक लगा दिए हैं। आईए और जानते हैं नीचे कि लेख में पूरी जानकारी विस्तार से
बता दे की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को यह बड़ा फैसला लिए हैं। वहीं अब टैक्सपेयर्स उन खर्चों का टैक्स में कटौती नहीं ले पाएंगे। जो सेबी या कंपटीशन एक्ट सहित चार कानून के तहत आरंभ हुई कार्रवाई को निपटने के लिए शुरू किए गए हैं। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
Income Tax : आयकर विभाग टैक्सपेयर्स को मिलने वाली टैक्स में छूट को लेकर लिए बड़ा फैसला
बता दे कि आयकर विभाग टैक्स भरने वाले व्यक्तियों को मिलने वाले टैक्स में छूट को लेकर बहुत ही बड़ा फैसला लिए हैं। वहीं देश में करोड़ों व्यक्ति अपनी कमाई से सरकार को टैक्स देते हैं। ऐसे में आकर विभाग के नए फैसले ने टैक्स पेयर्स को बहुत ही बड़ा झटका दिया है। बता दे की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की फैसिलिटी देश में लाखों करदाता प्रभावित होंगे।
ऐसे में इनकम टैक्स भरने वाले व्यक्तियों को बता दे की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को यह बड़ा फैसला लिए है। वहीं अब टैक्स पेयर्स उन खर्चों का टैक्स में कटौती नहीं ले पाएंगे। जो सेबी कंपटीशन एक्ट सहित चार कानून के तहत आरंभ हुई कार्रवाई को निपटने के लिए आरंभ किए गए हैं।
Income Tax : सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज जारी किया नोटिफिकेशन
बता दे की सेंट्रल बोर्ड आफ डायरेक्ट टैक्सेज ने इस फैसले को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिए हैं वहीं नए 23 जुलाई को जारी किए गए नोटिफिकेशन में सेंट्रल बोर्ड आफ डायरेक्ट टैक्सेज ने साफ कर दिए हैं कि कर तय कानूनो के उल्लंघन या डिफॉल्ट से जुड़े कार्रवाई को सुलझाने पर हुए कोई भी खर्च बिजनेस या प्रोफेशन का खर्च नहीं माने जाएंगे।
इसीलिए ऐसे खर्चे पर कोई डेडीकेशन या अलाउंस नहीं मिलेंगे। आईए और जानते हैं नीचे की लेख में पूरी जानकारी विस्तार से।
बता दे की AKM ग्लोबल के टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी ने बतलाएं की इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 37 (1) के तहत सेंटलमेंट पेमेंट पर डेडीकेशन मिलने को लेकर लंबे समय से कोर्ट में बहस चलते रहे हैं।
फाइनेंस एक्ट, 2024 के जरिए सीबिडीटी ने किए बदलाव
बता दे की इनकम टैक्स ऑफिसर बनाम रिलायंस शेयर ऐंड स्टॉक ब्रोकर्स लिमिटेड में सेबी को दिए गए कंसेंट फिस कमर्शल जरूर बताते हुए बिजनेस खर्च माने गए थे। वहीं उन्होंने कहे कि अब फाइनेंस ऐक्ट, 2024 के जरिए (CBDT) ने बदलाव कर दिए हैं। वहीं अब भारत या विदेश के ऐसे किसी भी कानून के तहत सेट एलिमेंट या कंपाउंडिंग पर हुए खर्च टैक्स में कटौती योग्य नहीं रहेंगे।
बता दे की माहेश्वरी ने कहे की यह फैसला पहले के ट्राईब्यूनल फसलों को ओवरसाइड करते हैं और टैक्स नियमों में जरूरी स्पष्ट लाते हैं। हालांकि FEMA और आरबीआई के निर्देशों जैसे दूसरे रेगुलेटरी लॉज के तहत अभी भी कुछ अस्पष्टता बने हुए हैं।
आईए देखते हैं चार कानून
- बता दे कि जिन चार कानून को लेकर इनकम टैक्स विभाग ने टैक्स छूट पर रोक को लेकर शुक्रवार को बड़ा फैसला लिए हैं उनमें
- सिक्योरिटीज और एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया एक्ट 1992 के अलावा सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) ऐक्ट, 1956 भी शामिल है।
- वहीं इसके अलावा डिपॉजिटरीज एक्ट 1996 और कंपटीशन एक्ट 2002 के संबंध में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह बड़ा फैसला लिए हैं।